Wednesday, April 22, 2009

बेदारियाँ -(२)

मुस्लिम नहीं 'मोमिन'

मुसलमानों! बहुत से मोमिन इस्लामी दुन्या में पैदा हो चुके हैं, जो तुम को नजात दिलाना चाहते हैं इसलाम की खुद से तस्लीम शुदा जेहनी गुलामी से और दावत देते हैं ईमान ए अस्ल की जिसका कोई अल्लाह नहीं, कई रसूल नहीं, कोई दोज़ख नहीं कोई फरेबी जन्नत भी नहीं। ज़िंदगी जो कुछ है इसी दुन्या तक है, इसी धरती तक है। तुम्हारा अगला जनम भी कोई नहीं है और न क़यामत कोई कि दोबारा जिंदा किए जाओगे, तुम्हारा अगला जन्म अगर कुछ है तो नसले इंसानी है, जैसे हर मखलूक और हर शै की होती है. इसके लिए कुछ करते रहो तो यही कारे खैर है. इस धरती को सजाना संवारना ही अपनी इबादत समझो, अगर इबादत का शौक़ रखते हो. सदाक़त को जीना बड़ी मुश्किल इबादत है, वोह करो, जितना हो सके तुम सदाक़त को जियो, इस से बड़ा तप कोई नहीं है, इस तपस्या को कर के आजमाओ. पूजा पाठ, नमाज़ रोजा, तो तप की अवमानना, एवं अपमान ही नहीं इबादत की परछाईं हैं, इसका का मज़ाक हैं. मुस्लिम से मोमिन हो जाओ, इसलाम से ईमान पर आओ. बहुत आसान है और बहुत कठिन भी मगर इंसानियत का तकाज़ा यही कह रहा है कि हमको मोमिन बनना चाहिए. बाकी लोग तुम्हारी पैरवी में तुम्हारे पीछे भागे हुए आएँगे. ध्यान रहे ईमान दार बनना है, नाम दार नहीं, माल दार नहीं, शोहरत दार नहीं, सिर्फ़ ईमानदार. इन ईमान फरोश मुसलमान ओलिमा से बे खौफ़. इन की तहरीक गुलामी ए इस्लाम के खिलाफ मोमिन बन जाओ. तुम्हारा मिशन होगा गैरत मंद कौमे मोमिन जो इस के सिवा कुछ नहीं जानते कि इंसान फिर्फ़ इन्सान है और इंसानियत उसका मज़हब है, आज इसलाम उस पर थोपा हुवा एक जुर्म है। जिस मुल्क में रहते हो, वहां का कानून और उसका आईन तुम्हारी वफ़ा दारी है और उसे वक़्तन फ़्वक़्तन बदलते रहना तुम्हारा हक है.

'मोमिन'

1 comment:

  1. आपके इस वाक्‍य ''स्वयम्भू अंतिम अवतार (जिसके वर्तमान हिंदी कार्य वाहक आप बने हुए हैं)।'' के बारे में मेरा कहना है कि मुहम्‍मद सल्‍ल. स्‍वयं अंतिम अवतार नहीं बने अल्‍लाह ने कहा और बनाया,, अब तो कई हिन्‍दू भाईयों ने ऐतिहासि‍क शोध करके हिन्‍दू, जैन, बौध, ईसाई और यहूदियों का भी उन्‍हीं का अंतिम अवतार साबित कर दिया है, बहुत जल्‍द इसपर मेरा ब्‍लाग अंतिम अवतार पर देखोगे, फिलहाल मेरे ब्‍लाग islaminhindi.blogspto.com से पढिये श्रीवास्‍तव जी की पुस्‍तक 'हजरत मुहम्‍मद और भारतीय धर्मग्रंथ''
    आपके इस वाक्‍य ''ए आर रहमान का इस्लामी दुन्या में बड़ा शोर है,'' के बारे में मेरा कहना है कि आपके पास, आप जैसे लोगों में उनका शौर होगा, जो मेरे चारों तरफ हैं उनमें अक्‍सर नहीं जानते यकीन ना हो तो किसी किन्‍हीं 10 मुसलमानों से पूछ लो लेकिन वह मुसलमान जो दूर से ही पता लग जाता है कि यह मुसलमान है,दुनिया भी जानती है कौन हैं मुसलमान बस अन्‍जान बनी हुई हैं, मुसलमान वह जिसे देखकर पूछना ना पडे कि तुम मुसलमान हो तेरे और मेरे जैसे नहीं, ऐसे लोगों से पूछना फिर बताना कितनों को मालूम है कि कौन है ए आर रहमान, इसकी वजह है उसने इस्‍लाम कबूल किया है अपनाया नहीं, इस्‍लाम में संगीत, नाच गाने, बेहयाई से बचने को कहा गया है, जो इन पर ना चल सका, जिनके आपने नाम गिनाये हैं उनके लिये मेरा कहना है क‍ि वह नाम के मुसलमान हैं मेरे और तुम्‍हारे जैसे,
    आगे से कुरआन पर जो लिखो, उसका नेट पर मौजूद कुरआन के हिन्‍दी अनूवाद से लिखा करो ताकि दूध का दूध पानी पानी हो जाये,
    www.quranhindi.com (जमात इस्‍लामी हिन्‍द की पूरी वेब की pdf book मेरे ब्‍लाग से डाउनलोड कर लो)
    www.aquran.com (शिया भाई की)
    www.altafseer.com (अठारह भाषाओं में अनुवाद उपलब्‍ध, इसके हिन्‍दी अनुवाद को मैंने यूनिकोड कर लिया है जो वेब मित्रों को भेज कर मशवरा कर रहा हॅं कि कैसे इसे नेट पर डाला जाये)
    www.al-shaia.org (ईरान की वेब यूनिकोड में परन्‍तु अभी अधूरा, 70 से आगे की कोई सूरत यहां देख लिया करो)
    मुझे किताबी कीडा बताते हो, अरे मैं तो गुनहगार हूं , मैं भी नाम का मुसलमान हूं बस आप जैसों की इस्‍लाम पर बकवास ने मुझे मजबूर किया कि मैं लिखूं, दूध का दुध और पानी का पानी कर दूंगा, इन्‍शाअल्‍लाह
    अभी भी वक्‍त है पढ लो 'आपकी अमानत आपकी सेवा में' फिर ना कहना हमें कोई रास्‍ता दिखाने वाला नहीं मिला था, जिन को तुम ढपली कहते हो उन अल्‍लाह के चैलंजो पर दौबारा गौर करो, जो विस्‍तारपूर्वक मेरे ब्‍लाग पर हैं
    1- अल्‍लाह का चैलेंज पूरी मानव जाति को (क़ुरआन में 114 नमूने हैं उनमें से किसी एक जैसा अध्‍याय/सूरत बनादो)
    http://islaminhindi.blogspot.com/2009/02/1-7.html
    2- अल्लाह का चैलेंज है कि कुरआन में कोई रद्दोबदल नहीं कर सकता।
    http://islaminhindi.blogspot.com/2009/02/3-7.html
    3- अल्लाह का चैलेंज वैज्ञानिकों को सृष्टि रचना बारे
    http://islaminhindi.blogspot.com/2009/02/4-7.html
    4- अल्‍लाह का चैलेंजः कुरआन में विरोधाभास नहीं
    http://islaminhindi.blogspot.com/2009/02/blog-post.html
    2009
    5- अल्‍लाह का चैलेंजः आसमानी पुस्‍तक केवल चार
    http://islaminhindi.blogspot.com/2009/02/5-7.html
    2009
    6- खुदाई चैलेंज: यहूदियों (इसराईलियों) को कभी शांति नहीं मिलेगी’’
    http://islaminhindi.blogspot.com/2009/02/2-7.htm

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