मुसलमानों को अँधेरे में रखने वाले ओलिमा, वक्त आ गया है कि अब जवाब दें- - -
कि लाखों, करोरों, अरबों बल्कि उस से भी कहीं ज़्यादः बरसों से इस कायनात को चलाने वाला अल्लाह क्या चौदह सौ साल पहले सिर्फ तेईस साल चार महीने (मोहम्मद का पैगम्बरी अय्याम) के लिए अरबी जुबान में बोला था? वह भी सीधे नहीं, किसी फ़रिश्ते जिब्रील के ज़रीआ, वह भी बाआवाज़ बुलंद नहीं काना-फूसी से? अवाम कहते रहे कि जिब्रील आते हैं तो सब को दिखाई क्यूँ नहीं पड़ते? जो कि उनका सही मुतालबा था और मोहम्मद बहाने बनाते रहे। क्या उसके बाद अल्लाह को साँप सूँघ गया कि ख़ुद साख्ता रसूल की मौत के बाद उसकी बोलती बंद हो गई और जिब्रील अलैहिस्सलाम रेहलत फरमा गए? किर्द गार ए रोज़गार के काम तो सारे के सारे बदस्तूर चल रहे हैं, मगर झूठे क़ुरआनी अल्लाह और उसके ख़ुद साख्ता रसूल के फरेब में आ जाने वाले मुसलमानों के काम चौदह सौ सालों से रुके हुए हैं, मुस्लमान वहीँ है जहाँ सदियों पहले था, उसके हम रकाब यहूदी, ईसाई और दीगर कौमें आज हम मुसलमानों को सदियों पीछे माज़ी की तारीकियों में छोड़ कर रौशन दुन्या में बढ़ गए हैं. हम मोहम्मद की गढ़ी हुई जन्नत के फरेब में ही नमाज़ों के लिए वज़ू, रुकू और सजदे में मुब्तिला है. मुहम्मदी अल्लाह उन के बाद क्यूँ उम्मत से कलाम नहीं कर रहा है? जो कलाम उसके नाम से किए गए है, उन में कितना दम है? ये सवाल तो आगे आएगा जिसका फितरी जवाब इन बदमआश आलिमो को देना होगा....
क़ुरआन का पोस्ट मार्टम खुली आँख से देखें "हर्फ़ ए ग़लत" का सिलसिला जारी होने वाला है. अपने अन्दर तब्दीली लाएँ , मुस्लिम से मोमिन हो जाएँ और ईमान की बात करें. आप अगर ज़मीर रखते हैं तो सदाक़त को ज़रूर समझेंगे और अगर इसलाम की कूढ़ मग्ज़ी ही ज़ेह्न में समाई हुई है तो जाने दीजिए अपनी नस्लों को तालिबानी जहन्नम में।
क़ुरआन का पोस्ट मार्टम खुली आँख से देखें "हर्फ़ ए ग़लत" का सिलसिला जारी होने वाला है. अपने अन्दर तब्दीली लाएँ , मुस्लिम से मोमिन हो जाएँ और ईमान की बात करें. आप अगर ज़मीर रखते हैं तो सदाक़त को ज़रूर समझेंगे और अगर इसलाम की कूढ़ मग्ज़ी ही ज़ेह्न में समाई हुई है तो जाने दीजिए अपनी नस्लों को तालिबानी जहन्नम में।
'मोमिन'
आपके इस वाक्य ''स्वयम्भू अंतिम अवतार (जिसके वर्तमान हिंदी कार्य वाहक आप बने हुए हैं)।'' के बारे में मेरा कहना है कि मुहम्मद सल्ल. स्वयं अंतिम अवतार नहीं बने अल्लाह ने कहा और बनाया,, अब तो कई हिन्दू भाईयों ने ऐतिहासिक शोध करके हिन्दू, जैन, बौध, ईसाई और यहूदियों का भी उन्हीं का अंतिम अवतार साबित कर दिया है, बहुत जल्द इसपर मेरा ब्लाग अंतिम अवतार पर देखोगे, फिलहाल मेरे ब्लाग islaminhindi.blogspto.com से पढिये श्रीवास्तव जी की पुस्तक 'हजरत मुहम्मद और भारतीय धर्मग्रंथ''
ReplyDeleteआपके इस वाक्य ''ए आर रहमान का इस्लामी दुन्या में बड़ा शोर है,'' के बारे में मेरा कहना है कि आपके पास, आप जैसे लोगों में उनका शौर होगा, जो मेरे चारों तरफ हैं उनमें अक्सर नहीं जानते यकीन ना हो तो किसी किन्हीं 10 मुसलमानों से पूछ लो लेकिन वह मुसलमान जो दूर से ही पता लग जाता है कि यह मुसलमान है,दुनिया भी जानती है कौन हैं मुसलमान बस अन्जान बनी हुई हैं, मुसलमान वह जिसे देखकर पूछना ना पडे कि तुम मुसलमान हो तेरे और मेरे जैसे नहीं, ऐसे लोगों से पूछना फिर बताना कितनों को मालूम है कि कौन है ए आर रहमान, इसकी वजह है उसने इस्लाम कबूल किया है अपनाया नहीं, इस्लाम में संगीत, नाच गाने, बेहयाई से बचने को कहा गया है, जो इन पर ना चल सका, जिनके आपने नाम गिनाये हैं उनके लिये मेरा कहना है कि वह नाम के मुसलमान हैं मेरे और तुम्हारे जैसे,
आगे से कुरआन पर जो लिखो, उसका नेट पर मौजूद कुरआन के हिन्दी अनूवाद से लिखा करो ताकि दूध का दूध पानी पानी हो जाये,
www.quranhindi.com (जमात इस्लामी हिन्द की पूरी वेब की pdf book मेरे ब्लाग से डाउनलोड कर लो)
www.aquran.com (शिया भाई की)
www.altafseer.com (अठारह भाषाओं में अनुवाद उपलब्ध, इसके हिन्दी अनुवाद को मैंने यूनिकोड कर लिया है जो वेब मित्रों को भेज कर मशवरा कर रहा हॅं कि कैसे इसे नेट पर डाला जाये)
www.al-shaia.org (ईरान की वेब यूनिकोड में परन्तु अभी अधूरा, 70 से आगे की कोई सूरत यहां देख लिया करो)
मुझे किताबी कीडा बताते हो, अरे मैं तो गुनहगार हूं , मैं भी नाम का मुसलमान हूं बस आप जैसों की इस्लाम पर बकवास ने मुझे मजबूर किया कि मैं लिखूं, दूध का दुध और पानी का पानी कर दूंगा, इन्शाअल्लाह
अभी भी वक्त है पढ लो 'आपकी अमानत आपकी सेवा में' फिर ना कहना हमें कोई रास्ता दिखाने वाला नहीं मिला था, जिन को तुम ढपली कहते हो उन अल्लाह के चैलंजो पर दौबारा गौर करो, जो विस्तारपूर्वक मेरे ब्लाग पर हैं
1- अल्लाह का चैलेंज पूरी मानव जाति को (क़ुरआन में 114 नमूने हैं उनमें से किसी एक जैसा अध्याय/सूरत बनादो)
http://islaminhindi.blogspot.com/2009/02/1-7.html
2- अल्लाह का चैलेंज है कि कुरआन में कोई रद्दोबदल नहीं कर सकता।
http://islaminhindi.blogspot.com/2009/02/3-7.html
3- अल्लाह का चैलेंज वैज्ञानिकों को सृष्टि रचना बारे
http://islaminhindi.blogspot.com/2009/02/4-7.html
4- अल्लाह का चैलेंजः कुरआन में विरोधाभास नहीं
http://islaminhindi.blogspot.com/2009/02/blog-post.html
2009
5- अल्लाह का चैलेंजः आसमानी पुस्तक केवल चार
http://islaminhindi.blogspot.com/2009/02/5-7.html
2009
6- खुदाई चैलेंज: यहूदियों (इसराईलियों) को कभी शांति नहीं मिलेगी’’
http://islaminhindi.blogspot.com/2009/02/2-7.htm