tag:blogger.com,1999:blog-255827798280935011.post6850816154106880966..comments2023-04-15T07:10:33.254-07:00Comments on Albedar - The Hidden Truth: अलबेदार (क़ुरआन का सच)MOMINhttp://www.blogger.com/profile/03513474517268047629noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-255827798280935011.post-13148845057129681662009-05-22T12:51:41.819-07:002009-05-22T12:51:41.819-07:00मेरा अनुमान है कि हम मुसलमानों को मुहम्मदी कहने व...मेरा अनुमान है कि हम मुसलमानों को मुहम्मदी कहने वाला यह ज़रूर अहमदी होगा, क्योंकि 56 इस्लामिक देशों ने इन्हें इस्लाम से निकाल रखा है, इनके विचार कृष्ण जी के बारे में भी जानलो,<br />पुस्तकः श्री कृष्ण जी और कल्कि अवतार <br />http://www.alislam.org/hindi/<br />http://www.alislam.org/hindi/Shri-Krishan-Ji-Aur-Kalki-Avatar.pdf<br /><br />इनके ब्लाग में झूठ देखोः<br />" यह तो कभी न हो सकेगा की सब बीवियों में बराबरी रखो, तुमरा कितना भी दिल चाहे."----सूरह निसाँअ 4 पाँचवाँ पारा- आयात (129) <br />कुरआन कि यह बातें इसने खुद घड ली हैं, जो सूरत और आयत नम्बर ये देरहे हैं वह यह हैः<br />4:129 http://www.altafseer.com/<br />और अगरचे तुम बहुतेरा चाहो (लेकिन) तुममें इतनी सकत (समर्थ हो) तो हरगिज़ नहीं है कि अपनी कई बीवियों में (पूरा पूरा) इन्साफ़ कर सको (मगर) ऐसा भी तो न करो कि (एक ही की तरफ़) हमातन माएल हो जाओ कि (दूसरी को अधड़ में) लटकी हुयी छोड़ दो और अगर बाहम मेल कर लो और (ज़्यादती से) बचे रहो तो ख़ुदा यक़ीनन बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है <br /><br />जो सूरत इन्होंने तोड मरोड कर पेश की वह यह है<br />4:3 http://www.altafseer.com/<br />और अगर तुमको अन्देशा हो कि (निकाह करके) तुम यतीम लड़कियों (की रखरखाव) में इन्साफ न कर सकोगे तो और औरतों में अपनी मर्ज़ी के मवाफ़िक दो दो और तीन तीन और चार चार निकाह करो (फिर अगर तुम्हें इसका) अन्देशा हो कि (मुततइद) बीवियों में (भी) इन्साफ न कर सकोगे तो एक ही पर इक्तेफ़ा करो या जो (लोंडी) तुम्हारी ज़र ख़रीद हो (उसी पर क़नाअत करो) ये तदबीर बेइन्साफ़ी न करने की बहुत क़रीने क़यास है <br /><br />चार बीवियों और एक बीवी पर हमारा जवाब देखना चाहें (...1954 में ‘‘हिन्दू मैरिज एक्ट’’ लागू होने के पश्चात हिन्दुओं पर एक से अधिक पत्नी रखने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया....) तो ऐसे 19 सवालों के जवाब के लिये पढिये<br />http://islaminhindi.blogspot.com/2009/03/non-muslims-muslims-answer.html<br /><br />इधर उधर की बातों में अपना समय बर्बाद कर रहे हो, इस्लाम को नीचा दिखाना चाहते हो तो, अल्लाह के चैलेंज का जवाब दो, मैंने हिन्दी जानने वालों के लिये 6 अल्लाह के चैलेंज तैयार किये हैं एक का भी उत्तर देदो 1400 सौ साल से इन्तजार है, तीन यहां प्रस्तुत हैं<br />अल्लाह का चैलेंज पूरी मानव जाति को<br />http://islaminhindi.blogspot.com/2009/02/1-7.html<br />अल्लाह का चैलेंज है कि कुरआन में कोई रद्दोबदल नहीं कर सकता। <br />http://islaminhindi.blogspot.com/2009/02/3-7.html<br />अल्लाह का चैलेंज वैज्ञानिकों को सृष्टि रचना बारे <br />http://islaminhindi.blogspot.com/2009/02/4-7.html<br /><br />ऐसी पुस्तक पढो जो धर्मों के तुलनात्मक अध्यण में आपकी मदद करे, 80 में पहली कहानी एक अपाहिज औरत की इस्लाम कबूल करने फिर एक बहुत बडे डान को इस्लाम कबूल कराने की कहानी ही पढ कर दिल बाग बाग हो जायेगा, इस बात का उत्तर भी मिलेगा कि क्यूं महिलायें अधिक इस्लाम कबूल करती हैं<br />विश्व की 80 नव मुस्लिम महिलाओं के इस्लाम क़बूल करने की ईमान अफरोज़ दास्तातें दास्तान 1,039 KB <br />http://www.4shared.com/file/90291497/fe7ebb77/hindi-book-hemen-khuda-kese-milihindi.html<br /><br />हमारे पास आपके पढने के लिये एक किताब है<br />आपकी अमानत - आपकी सेवा में<br />http://islaminhindi.blogspot.com/2009/03/armughandotin.html<br /><br />आप भी कोई किताब मुझे पढवाना चाहते हों तो निसंकोच लिखेंMohammed Umar Kairanvihttps://www.blogger.com/profile/06899446414856525462noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-255827798280935011.post-76656908020030961962009-05-12T11:04:00.000-07:002009-05-12T11:04:00.000-07:00चूँकि कुरान के हवाले से कह रहे हैं तो ठीक ही कह रह...चूँकि कुरान के हवाले से कह रहे हैं तो ठीक ही कह रहे होंगे। सच्चाई तो यही है कि खुले दिमाग से मुस्लिम मित्र चर्चा ही नहीं करना चाहते। इस्लाम पूर्व अरब के क्या हालात थे,कुरैश कबीले का पुराना इतिहास क्या था और मक्के में लात,मनात,अम्ब आदि की ३६० मूर्तियाँ थी तथा चाँद सितारे की वास्तिक कहानी क्या है-यदि इस पर भी थोड़ी रौशनी ड़ाल सकें तो वाक्फियत बढ़ेगी।Unknownhttps://www.blogger.com/profile/05286412779412994466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-255827798280935011.post-26152658162193194122009-05-11T21:17:00.000-07:002009-05-11T21:17:00.000-07:00The great Post. Thank youThe great Post. Thank youA. Aryahttps://www.blogger.com/profile/01479360481115121931noreply@blogger.com